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अक्षपाद

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अक्षपाद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सोलह पदार्थवादी । न्यायशास्त्र के प्रवर्तक गौतम ऋषि । विशेष —ऐसा कहा जाता है कि गौतम ने अपने मत का खंडन करनेवाले व्यास का मुख न देखने कि प्रतिज्ञा कि थी । पीछे से जब व्यास ने इन्हें प्रसन्न किया तब इन्होंने अपने चरणों में नेत्र करके उन्हें देखा अर्थात् अपने चरण उन्हें दिखलाया । इसी से गौतम का नाम अक्षपाद हुआ ।

२. तार्किक । नैयायिक ।