अखज

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अखज पु वि॰ [स॰ अखाद्य; प्रा॰ अखज्ज]

१. न खाने योग्य । अभक्ष्य । उ॰—झख मारत ततकाल ध्यान मुनिवर सो धारत । बिहरत पंख फुलाय नहीं खज अखज बिचारत ।—दीन॰ ग्रं॰, पृ॰ २०९ ।

२. निकृष्ट । बुरा । खराब । उ॰—बैराग अस चाल बताउँ । तजे अखज तब हंस कहाउँ ।—कबीर सा॰, पृ॰ २२१ ।