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अगस्ति

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अगस्ति पु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. अगस्त्य तारा । उ॰— उए अगस्ति हस्ति घन गाजा । तुरै पलानि चढ़े रन राजा । —जायसी ग्रं॰, पृ॰ ३५६ ।

२. अगस्त्य ऋषी । उ॰—हुत जो अपार बिरह दुख दोखा । जनहुँ अगस्ति उदधि जल सोखा । —जायसी ग्रं॰, पृ॰ ३४० ।

३. अगस्त्य या बक वृक्ष [को॰] ।