अगाऊ

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अगाऊ ^१ वि॰ [सं॰ अग्र; प्रा॰ अग्ग + हि॰ आऊ (प्रत्य॰)] †

१. अग्रिम । पेशगी । जैसे; 'उसे कुछ अगाऊ दाम दे दो' (शब्द॰) ।

२. पु अगला । अगे का । उ॰—धरि वाराह रूप रिपु मारयो लै छिति दंत अगाउ । —सूर॰ (शब्द॰) ।

अगाऊ ^२ पु क्रि वि॰

१. आगे । पहले । प्रथम । उ॰— (क) कबिरा करनी आपनी, कबहुँ न निष्फल जाय । सात समुद्र आड़ा परै मिलै अगाऊ आय । —कबीर (शब्द॰) । (ख) 'उग्रसेन' भी सब यदुवंशियों समेत गाजे बाजे से अगाउ जाय मिले' । — लल्लू॰ (शब्द॰) ।

२. अगाड़ी से । आगे से । उ॰—(क) साखी सखा सब सुबल सुदामा देखो धौँ बूझि बोलि बलदाऊ । यह तो मोहिं खिझाइ कोटि बिधि उलटि बिबादन आइ आगऊ । -तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४३४ । (ख) कौन कौन को उत्तर दीजै तातें भग्यों अगाऊ । —सूर॰ (शब्द॰) ।