सामग्री पर जाएँ

अगोचर

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अगोचर ^१ वि॰ [सं॰]

१. जिसका अनुभव इँद्रियों को न हो । जिसका बोध न हो सके । इंद्रियातीत । उ॰—मन बुद्धि बर बानी अगोचर प्रगट कवि कैसे करै ।—मानस, १ ।३२३ ।

२. अप्र- गट । अप्रत्यक्ष । अव्यक्त । उ॰—'अगोचर बातों या भावनाओं को भी, जहाँ तक हो सकता है, कवीता स्थूल गोचर रूप में रखने का प्रयास करती है ।—रस॰, पृ॰ ४१ ।

अगोचर ^२ संज्ञा पुं॰

१. ब्रह्म ।

२. वह वस्तु जो इंद्रियों का विषय न हो ।

३. वह वस्तु जिसे देखा, समझा या जाना न जा सके [को॰] ।