अग्नित्रय

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अग्नित्रय संज्ञा पुं॰ [सं॰] विधिपूर्वक स्थापित गार्हपत्य, आहवनीय और दक्षिण नामक अग्नि [को॰] ।