अग्रहार

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अग्रहार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. राजा की ओर से ब्राह्मण को योगक्षेम के लिये किया हुआ भूमि का दान ।

२. वह गाँव या भूमि जो किसी ब्राह्मण को माफी दी जाय ।

३. ब्राह्मण को देने के लिये कृषि की पैदावार से निकाला या अलग किया हुआ अन्न (को॰) ।