अघोरमार्ग

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अघोरमार्ग संज्ञा पुं॰ [सं॰] अघोर मतावलंबिय़ों की साधना का ढंग । अघोरियों का साधन मार्ग । उ॰—सारूप्य मुक्ति सो तब पावै, अघोरमार्ग को जो कोई ध्यावै ।— कबीर सा॰ पृ॰ ९०५ । विशेष—अघोरमार्ग में शिव की अघोरीश्वर रूप में उपासना होती है । श्मशानसाधन, शवसाधन, मंत्रसाधन, पंचमकार सेवन, चितभस्म और रुद्राक्षधारण आदि इस मार्ग में विहित है । तांत्रिक वीराचारियों से इनके आचार विचार मिलते है ।