अङ्गज
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंगज ^१ वि॰ [सं॰ आङ्ग] शरार से उत्पन । तन से पैदा । उ॰— कुअंगजों की बहु कष्टदायिता बता रही जन नेत्रवान को ।— प्रिय॰ प्र॰, पृ॰ १०६ ।
अंगज ^२ संज्ञा पुं॰ [स्त्री॰ अंगजा]
१. पुत्र । बेटा । लड़का । उ॰—ड कृष्ण गेह कै काम, काम अंगज जनु अनुरध ।— पृ॰ रा॰, १ ।७
२७. ।
२. पसीना ।
३. बाल । केश ।रोम ।
४. काम, क्रोध आदि विकार ।
५. साहित्य में स्त्रियों के यौवन संबंधी जो सात्विक विकार है उनमें हाव, भआव और हेला ये तीन 'अंदज' कहलाते हैं । कायिक ।
६. कामदेव ।
७. मद ।
८. रोग ।
९. रत्क । खून (को॰) ।