अजहत्स्वार्था

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अजहत्स्वार्था संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] अलंकार शास्त्र में लक्षणा के दी भेदों में से एक । विशेष—इसमें लक्षक शब्द अपने वाच्यार्थ को न छोड़कर उससे संपृक्त या कुछ भिन्न या अतिरिक्त अर्थ प्रकट करे । जैसे— 'भालों के आते ही शत्रु भाग गए' । यहाँ भालों से तात्पर्य भाला लिए सिपाहियों से हैं । इसे उपादान लक्षणा भी कहते हैं ।