अञ्जीर
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंजीर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अञ्जीर, फा॰ अंजीर] एक प्रकार का पेड़ तथा उसका फल । विशेष—यह गुलर के समान होता है और खाने में मीठा होता है । यह भारतवर्ष में बहुत जगह होता है । पर अफगानिस्तान, बिलुचिस्तान और काशमीर इसके मुख्य स्थान हैं । इसके लगाने के लिये कुछ चुना लगी हुई मिट्टी चाहिए । लकड़ी इसकी पीली होती है । इसके कलम फाल्गुन मे काटकर दुर दुर क्यारियों में लगाए जाते है । क्यारियाँ पानी से खुबतर रहनी चाहिए । लग ने के दो ही तीन वर्ष बाद इसका पेड़ फलने लगता है और १४ या १५ वर्ष बराबर फल देता रहता है । यह वर्ष में दो बार फलता है । एक बार जेठ-असाढ़ में और फिर फाल्गुन में । माला में गुथे हुए इसके सुखाए हुए फुल अफग निस्तान आदि से हिंदुस्तान में बहुत आते हैं । सुखाते समय रंग चढ़ाने और छिलके को नरम करने के लिये या तो गंधक की धनी देते हैं अथवा नमक और शोरा मिले हुए गरम पानी में फलों को डुबाते हैं । भारतवर्ष में पुना के पास खेड- शिवापुर नामक गाँव के अंजीर सबसे अच्छे होते है । पर अफगानिस्तान और फारस के अंजीर हिंदुस्तानी अंजीरों से उत्तम होते हैं । सुखाया हुआ अंजीर का फल स्निग्ध, पुष्टिकर और रेचक होता है । यह दो तरह का होता है, एक जो पकाने पर लाल होता है और दुसरा काला ।
अंजीर ^२ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अजिर] आँगन । उ॰—एन अंजीर एक करु मेला ।—संत दरिया॰ प॰ ३ ।