अट्ट

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अट्ट पु॰ संज्ञा पुं॰[सं॰हट्ट=बाजार]

१. हाट । बाजार । उ॰—देव दंपति अट्ट देख सराहते ।—साकेत, पृ॰३ ।

अट्ट ^२ संज्ञा पुं॰[सं॰]

१. बुर्ज । उ॰—अट्टों पर चढ़ चढ़कर सब ओर पथों मों बढ़कर बडज़कर— साकेत, पृ॰ १५२ अटारी । कोठा ।

३. एक यक्ष का नाम ।

४. प्राधान्य । अधिकता । अतिशयता ।

५. पका हुआ चावुल । भात ।

६. भोज्य पदार्थ ।

७. पहरा देने का उंचा स्थान या मीनार ।

८. महल । प्रसाद ।

९. रेशमी वस्त्र ।

१०. दुर्ग में सेना के रहने का ,स्थान या भाग (को॰) ।

अट्ट ^२ वि॰

१. ऊँचा ।

२. शुष्क । सूखा । सूखाया हुआ ।

३. उच्च स्वर से युत्क[को॰] ।