सामग्री पर जाएँ

अतिशय

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अतिशय ^१ वि॰ [सं॰] बहुत । ज्याता । अत्यंत ।

अतिशय ^२ संज्ञा॰ पु॰ प्राचीन शास्त्रकारों के अनुसार । एक अलंकार । विशेष— इसमें किसी वस्तु की उत्तरोत्तर संभावना या असंभवना दिखलाई जाती है जैसे—'ह्वै न, होय तो थिर नहीं, थीर तो बिन फलवान । सत्पुरुषन को कोप है, खल की प्रीति सभान; (शब्द॰) । कोई कोई इस अलंकार को अधिक अलंकार के अंतर्भुक्त मानते हैं ।

अतिशय वि॰ [सं॰ अतिशयिन्]

१. प्राधान । श्रेष्ठ॰

२. बहुत अधिक [को॰] ।