अथाई

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अथाई संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ *आरथायिका अथवा *प्रास्थायी, प्रा॰ अत्थाई] बैठने की जगह । घर का वह बाहरी चौपाल जहाँ लोग इष्ट मित्रों से मिलते वा उनके साथ बातचीत करते हैं । बैठक । चौबारा । उ॰—हाट बाट घर गली अथाई । कहहिं परसपर लोग लुगाई ।—मानस, २ ।१० ।

२. वह स्थान जहाँ किसी गाँव या बस्ती के लोग इकट्ठे होकर बातचीत और पंचायत करते हैं । उ॰—कहै पदमाकर अथाइन को तजि तजि, गोपगन निज निज गेह को पथै गयो ।—पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ २३७ ।

३. घर के सामने का चबूचरा जिसपर लोग उठते बैठते हैं ।

४. गोष्टी । मडली । सभा । जमावड़ा । दरबार । उ॰—गजमनि माल बेच भ्राजत कहि जात न पदिक निकाई । जनु उडुगण मंडल बारिद पर नव ग्रह रची अथाई ।—तुलसी ग्रं॰, पृ, .२१ ।