अनख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अनख ^२ वि॰ [सं॰ अ=नहीं+नख=नाखून]
१. बिना नाखुन का । उ॰ — मिहिर नजर नों भावते, राख याद भरि मोद । अनखन खनि अनखन अरे, मत मो मनहिं करोद ।—रसनिधि (शब्द॰) ।
अनख ^२ वि॰ [सं॰ अ=नहीं+नख=नाखून]
१. बिना नाखुन का । उ॰ — मिहिर नजर नों भावते, राख याद भरि मोद । अनखन खनि अनखन अरे, मत मो मनहिं करोद ।—रसनिधि (शब्द॰) ।