अनघ

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनघ ^१ वि॰ [सं॰]

१. निष्पाप । पातकरहित । निर्दोष । बेगुनाह ।

२. पवित्र । शुद्ध ।

अनघ ^२ संज्ञा पुं॰ वह जो पाप न हो । पुण्य । उ॰— तुलसिदास जगदाघ जवास ज्यों अनघ आगि लागे डाढ़ना— तुलसी (शब्द॰) ।