अनन्त
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अनंत ^१ वि॰ [सं॰ अनन्त]
१. जिसका अंत न हो । जिसका पार न हो । असीम । बेहद । आपार ।
२. बहुत अधिक । असंख्य । अनेक ।
३. अविनाशी । नित्य ।
अनंत ^२ संज्ञा पुं॰
१. विष्णु ।
२. शेषनाग ।
३. लक्ष्मणा । ।
४. बल- राम ।
५. आकाश॰
६. जैनों के एक तीथँकर का नाम ।
७. अभ्रक ।
८. एक गहना जो बाहु में पहना जाता है । ९ । एक सुत का गंड़ा जो चौदह सूत एकत्र कर उससें चौदह गांठ देकर बनाया जाता है । इसे भादों सुदी चतुर्दशी या अनंतव्रत के दिन पूजित कर बाहु में पहनते है ।
१०. अनंतचतुर्दशी का व्रत ।
११. रामानुजाचार्य के एक शिष्य का नाम ।
१२. विष्णु का शंख (को॰) ।
१३. कुष्णा (को॰) । १४ । . शिव (को॰) ।
१५. रुद्र (को॰) ।१६सीमाहीनता । अंतहीनता(को॰) ।
१७. नियत्व (को॰) ।
१८. मोक्ष (को॰) ।
१९. वासुकि (को॰) ।
२०. बादल (को॰) ।
२१. सिंदुवार (को॰) ।
२२. अभ्रक । अबरक (को॰) ।
२३. श्रवण नक्षत्र (को॰) ।
२४. ब्रह्मा (के॰) ।