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अनन्त

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनंत ^१ वि॰ [सं॰ अनन्त]

१. जिसका अंत न हो । जिसका पार न हो । असीम । बेहद । आपार ।

२. बहुत अधिक । असंख्य । अनेक ।

३. अविनाशी । नित्य ।

अनंत ^२ संज्ञा पुं॰

१. विष्णु ।

२. शेषनाग ।

३. लक्ष्मणा । ।

४. बल- राम ।

५. आकाश॰

६. जैनों के एक तीथँकर का नाम ।

७. अभ्रक ।

८. एक गहना जो बाहु में पहना जाता है । ९ । एक सुत का गंड़ा जो चौदह सूत एकत्र कर उससें चौदह गांठ देकर बनाया जाता है । इसे भादों सुदी चतुर्दशी या अनंतव्रत के दिन पूजित कर बाहु में पहनते है ।

१०. अनंतचतुर्दशी का व्रत ।

११. रामानुजाचार्य के एक शिष्य का नाम ।

१२. विष्णु का शंख (को॰) ।

१३. कुष्णा (को॰) । १४ । . शिव (को॰) ।

१५. रुद्र (को॰) ।१६सीमाहीनता । अंतहीनता(को॰) ।

१७. नियत्व (को॰) ।

१८. मोक्ष (को॰) ।

१९. वासुकि (को॰) ।

२०. बादल (को॰) ।

२१. सिंदुवार (को॰) ।

२२. अभ्रक । अबरक (को॰) ।

२३. श्रवण नक्षत्र (को॰) ।

२४. ब्रह्मा (के॰) ।