अनन्वय
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अनन्वय संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. अन्वय या संबंध का अभाव ।
२. काव्य में वह अलंकार जिसमें एक वस्तु उपामान और उपमेय रूप से कही जाय । जैसे — तेरो मुख की जोड़ को ही मुख आहि (शब्द॰) । विशेष— केशवदास ने इसी को अतिशयोपमा लिखा है ।