अनरसा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनरसा ^१पु [सं॰ अन+ रस] अनमना । माँदा । बीमार । उ॰— अगु अनरसेहि भोर के पय पियत न नीके । रहत न बैठ ठाढ़े; पालने झुलावत हु रोवत राम मेरो सो सोच सबही के ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २७४ ।

अनरसा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'अँदरसा' ।