अनादि

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनादि वि॰ [सं॰] जिसका आदि न हो । जो सब दिन से हो । जिसके आरंभ का कोई काल या स्थान हो । स्थान और काल से आबद्ध । विशेष—शास्त्राकारों ने 'ईश्वर'जीव और प्रक्रुति' इन तीन वस्तुओं को आनादि माना है ।