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अनुकूल

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनुकूल वि॰ [सं॰]

१. जो अनुकूल न हो ।

२. प्रतिकूल । विप- रीत । उलटा । उ॰— जहाँ सामाजिक अनुभूति के विपरीत या अननुकूल वैयाक्तिक अनुभूति काव्य में आ जाती है वहाँ रसाभास हो जाता है । साहित्य॰, पृ॰ २१९ ।

अनुकूल ^१ वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ अनुकूला]

१. मुआफिक ।

२. पक्ष में रहनेवाला । सहायक । हितकर ।

३. प्रसन्न । उ॰—होउ महेस मोहि पर अनुकूला ।—मानस, १ ।१५ ।

अनुकूल ^२ संज्ञा पुं॰

१. वह नायक जो एक ही विवाहित स्त्री में अनुरक्त हो ।

२. एक काव्यालंकार जिसमें प्रतिकूल से अनुकूल वस्तु की सिद्धि दिखाई जाय । जैसे—आगि लागि घर जरिगा, बड़ सुख कीन्ह । पिय के हाथ घयिलवा भरि भरि दीन्ह । (शब्द॰) ।

३. राम के दल का एक बंदर ।

४. सबके प्रिय विष्णु ।

अनुकूल ^३ पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰] ओर । तरफ । उ॰—ढाहति भूप रूप तरु मुला । चली बिपत्ति बारिध अनुकूला ।—मानस २ ।३४ ।