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अनुभाव

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनुभाव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. प्रभाव । महिमा । बड़ाई ।

२. काव्य में रस के चार अंगों में से एक । वे गुण और क्रियाएँ जिनसे रस का बोध हो । चित्त का भावप्रकाश करनेवाला कटाक्ष, रोमांच आदि चेष्टाएँ । विषेश—अनुभाव के चार भेद हैं—सात्विक, कायिक, मानसिक और आहार्य । हाव भी इसी के अंतर्गत माना जाता है ।