अनै

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनै पु संज्ञा पुं॰ [हि॰] दे॰ 'अनय' । उ॰—नाम प्रताप पतित पावन किए जे न अधाने अव अनै ।—तुलसी ग्र॰, पु॰ ३८९ ।