अन्योन्य

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अन्योन्य ^१ सर्व॰ [सं॰] परस्पर । आपस में ।

अन्योन्य ^२ संज्ञा पुं॰ वह काव्यालंकार जिसमें दो वस्तुओं की किसी क्रिया या गुण का एक दुसरे के कारण उत्पन्न होना वर्णन किया जाय । जैसे—सर की शोभा हंस हो, राजहंस की ताल करत परस्पर हैं सदा गुरुता प्रकट विशाल ।