अन्वय

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अन्वय संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ अन्वयी]

१. परस्पर । तारतम्य ।

२. संयोग । मेल ।

३. पद के शब्दों को वाक्यरचना के नियमा- नुसार यथास्थान रखने का कार्य । जैसे—पहले कर्ता फिर कर्म और फिर क्रिया ।

४. अवकाश । खाली स्थान ।

५. वंश । कुल । घराना । खानदान ।

६. भिन्न भिन्न वस्तुओं को साधर्म्य के अनुसार एक कोटि में लाना । जैसे,—चलने फिरनेवाले मनुष्य, बैल, कुत्ता आदि को जंगम के अंतर्गत मानना ।

७. कार्य कारण का संबंध ।

८. अनुगमन (को॰) ।

९. आशय (को॰) ।