अपकर्ष

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अपकर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. उत्कर्ष का विलोम । नीचे की ओर खिंचाव । गिराब ।

२. घटाव । उतार । कमी ।

३. किसी वस्तु या व्यक्ति के मूल्य वा गुण को कम समझना या बतलाना । बेकदरी । निरादर । अपमान ।