अपकर्ष
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अपकर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. उत्कर्ष का विलोम । नीचे की ओर खिंचाव । गिराब ।
२. घटाव । उतार । कमी ।
३. किसी वस्तु या व्यक्ति के मूल्य वा गुण को कम समझना या बतलाना । बेकदरी । निरादर । अपमान ।
अपकर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. उत्कर्ष का विलोम । नीचे की ओर खिंचाव । गिराब ।
२. घटाव । उतार । कमी ।
३. किसी वस्तु या व्यक्ति के मूल्य वा गुण को कम समझना या बतलाना । बेकदरी । निरादर । अपमान ।