अपद
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अपद ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बिना पैर के रेगनेवाले जंतु । जैसे—साँप, केचुआ, जोंक आदि । उ॰—राजा इक पंड़ित पौरि तुम्हारी । अपद दुपद पसु भाषा बूझत अबिगत अल्प अहारी ।—सूर॰ ८ ।१४ ।
२. गलन या बुरा स्थान (को॰) ।
३. आकाश नभोमंड़ल (को॰) ।
४. व्याकरण में शब्द जो पदसंज्ञक नहीं है (को॰) ।
अपद ^२ बि॰
१. बिना पैर का पादाविहीन । बिना किसी पद या ओहदे का ।
अपद ^३पु क्रि वि, बिना पद या अधिकार के ।