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अपलक

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अपलक ^१ वि॰ [सं॰ अ + हिं॰ पलक] जिसकी पलकें न गिरें । निर्मिमेष । उ॰—द्विधारहित अपलक नयनों की भूखभरी दर्शन की प्यास । —कामायनी, पृ॰ १२ ।

अपलक ^२ क्रि॰ वि॰ बिना पलक गिराये । एकटक । उ॰—मैं अपलक इन नयनों से निरखा करता उस छवि को । —आंसू, पृ॰ १८ ।