अपाप

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अपाप ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] जो पाप न हो । पुण्य । सुकृत । उ॰— संग नसै जिहि भाँति ज्यों उपजै पाप अपाप । तिनसों लिप्त न होहिं ते ज्यों उपलनि को आप ।—केशव (शब्द॰) ।

अपाप ^२ वि॰ [स्त्री॰अपाप] निष्पाप । पापरहित । उ॰—वह पुण्यकृती अपाप थे, पहले ही अवतीर्ण आप थे ।— साकेत, पृ॰ ३३६ ।