अपुन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अपुन पु † सर्व॰ [हिं॰] दे॰ 'अपना' । उ—जौ हरि व्रत निज उर न धरैगो । तौ को अस त्राता जो अपुन करि, कर कुठाँव पकरैगो । सूर॰ १ ।७५ ।
अपुन पु † सर्व॰ [हिं॰] दे॰ 'अपना' । उ—जौ हरि व्रत निज उर न धरैगो । तौ को अस त्राता जो अपुन करि, कर कुठाँव पकरैगो । सूर॰ १ ।७५ ।