अप्रमेय
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अप्रमेय वि॰ [सं॰] जो नापा न जा सके । अपरिमित । अपार । अनंत । उ॰—तु न अच्छाय बाण स्वच्छ अभेद लै तनत्रान को । आइयो रणभुमि मै करि अप्रमेय प्रमान को ।—राम चं॰ पृ॰ १३३ ।
अप्रमेय वि॰ [सं॰] जो नापा न जा सके । अपरिमित । अपार । अनंत । उ॰—तु न अच्छाय बाण स्वच्छ अभेद लै तनत्रान को । आइयो रणभुमि मै करि अप्रमेय प्रमान को ।—राम चं॰ पृ॰ १३३ ।