अप्रवृत्ति
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अप्रवृत्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. प्रवृत्ति का अभाव । चित्त का झुकाव न होना ।
२. किसी सिद्धांत वा सूत्र का न लगना । किसी विचार का प्रय़ुक्त स्थान पर न खपना ।
३. अप्रचार ।
४. कोष्ठबद्धता [को॰] ।