अभिनंदन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अभिनंदन संज्ञा पुं॰ [सं॰ अभिनन्दन][वि॰ अभिनंदनीय, अभिनंदित]
१. आनंद ।
२. संतोष ।
३. उत्तेजना । प्रोत्साहन ।
४. आकांक्षा । इच्छा ।
५. विनीत प्रार्थाना । उ॰ —गुरू के वचन सचिव अभिनंदन । सुने भरत हिय हित जनु चंदन ।उ॰— मानस, २ ।१७६ ।
६. प्रशंसा । प्रतिष्ठा । आदर ।उ॰— यह अवसर हमने उनके आभिनंदन के लिये उपयुक्त समझा । —संपूर्णा॰ अभि॰ ग्रं, पृ॰ (ग) । यौ॰— अभिनंदन ग्रंथ= वह ग्रंथ जो किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति आदर प्रकट के लिये उसके जीवन की पचासवीं या साठवीं या किसी भी जन्मतिथि पर दिया जाता है । अभिनंदनपत्र— वह आदर या प्रतिष्ठासूचक पत्र जो किसी महान् पुरूष के आगमन पर हर्ष और संतोष प्रकट करने के लिये सुनाया और अर्पण किया जाता है । (अ॰) ऐड्रेस ।
७. जैन लोगों को चौथे तीर्थंकर का नाम ।
८. आम ।