अभ्युपगम
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अभ्युपगम संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ अभ्युपगत]
१. पास जाना । सामने आना या जाना । प्राप्ति ।
२. स्वीकार । अंगीकार । मंजुरी ।
३. वादा करना (को॰) ।
४. न्याय के अनुसार सिद्बांत के चार भेदों में से एक । विशेष—बिना परीक्षा किए किसी ऐसी बात को मानकर जिसका खंड़न करना है, फिर उसकी विशेष परीक्षा करने को अभ्युपगम सिद्धात कहते है । जैसे, एक पक्ष का आदमी कहे कि शब्द द्रव्य है । इसपर उसका विपक्षी कहे कि अच्छा हम थोड़ी देर के लिये मान भी लेते है कि शब्द द्रव्य है पर यह तो बतलाओ कि बह नित्य है या आनित्य । इस प्रकार मानना अभ्युपगम सिद्बांत हुआ ।