अम्बा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंबा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अम्बा]
१. माता । जननी । माँ । अम्मा । उ॰— जौं सिय भवन रहइ कह अंबा । मोहि वहँ होइ बहुत अवलंबा ।—मानस, १ ।६० ।
२. गौरी । पार्वती । देवी । दुर्गा ।
३. अंबष्ठा । पाढ़ा ।
४. काशी के राजा इँद्रद्युम्न की तीन कन्यायों में सबसे बड़ी कन्या । विशेष— काशिराज की तीन कन्याओं की भीष्म पितामह अपने भाई विभित्नवीर्य के लिये हरण कर लाए थे । अंबा राजा शाल्व के साथ विवाह करना चाहत थी । इससे भीष्म ने उसे शाल्व के पास भिजवा दिया । पर राजा शाल्व ने उसे ग्रहण न किया और वह हताश होकर भीष्म से बदला लेने के लिये तप करने लगी । शिव जो इसपर प्रसन्न हुए और उसे वर दिया कि तू दूसरे जन्म मे बदला लेगी । यही दूसरे जन्म में शिखंड़ी हुई जिसके कारण भीष्म मारे गए ।
५. ससुर खदेरी नदी । विशेष— यह नदी फतेहपुर के पास निकलकर प्रयाग से थोड़ी दूर पर यमुना में मिली है । ऐसी कथा है कि यह वही काशिराज की बड़ी कन्या अबा है, जो गंगा के शाप से नदी होकर भागी थी ।
अंबा ^२ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अभ्र, प्रा॰, अंब] आम । रासाल । उ॰— मारु अंबा मउर जिम, कर लग्गइ कुँमलाइ । —ढोला॰, दू॰ ४७१ । यौ॰— अंबाझोर = तीखी और लगातार चलनेवाली हवा जिससे पेड़ों से आम के फल गिर जायं (बोल॰) ।