अर

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पहिए की नाभि और नेमि के बीच की आड़ी लकड़ी । आरागज ।

२. आरी ।

३. कोण । कोना ।

४. सेवार ।

५. पित्तपापड़ा । पर्पट [को॰] ।

अर ^२ वि॰

१. शीघ्र । जल्दी ।

२. छोटा [को॰] ।

अर ^३ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ अड़]

१. हठ । अड़ । जिद । उ॰—(क)परि पाकरि बिनती धनी नीमरजा ही कीन । अब न नारि अर करि सकै जदुवर परम प्रवीन ।—बिहारी (शब्द॰) ।