अरघ

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अरघ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अर्घ]

१. सोलह उपचारों में से एक । वह जल जिसे फूल, अक्षत, दूब आदि के साथ किसी देवता के सामने गिराते हैं । उ॰—करि आरती अरघ तिन्ह दीन्हा । राम गमनु मंडप तब कीन्हा ।—मानस, १ ।३१९ ।

२. वह जल