अरघ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अरघ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अर्घ]
१. सोलह उपचारों में से एक । वह जल जिसे फूल, अक्षत, दूब आदि के साथ किसी देवता के सामने गिराते हैं । उ॰—करि आरती अरघ तिन्ह दीन्हा । राम गमनु मंडप तब कीन्हा ।—मानस, १ ।३१९ ।
२. वह जल