अरवी

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अरवी संज्ञा पुं॰ [स॰ आलू] एक प्रकार का कंद । विशेष—इसके पत्ते पान के पत्तों के आकार के बड़े बड़े होते हैं । यह दो प्रकार की होती है, एक सफेद डंठी की, दूसरी काली डठी की । जड़ या कंद से बराबर पत्तों के लंबे लंबे डंठल निकलते रहते हैं । नीचे नई पत्तियाँ बंधती जाती हैं । यह छूने में लसदार और खाने में कुछ कनकनाहट लिए हुए स्वादिष्ट होती है । लोग इसके पत्ते का साग इत्यादि बनाकर भी खाते हैं । यह अधिकतर बैसाख जेठ में बोई जाती है और सावन में तैयार हो जाती है । उ॰—चूक लाय कै रीधे भाँटा । अरवी कहँ भल अरहन बाँटा ।—जायसी (शब्द॰) ।