अर्गल

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अर्गल संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह लकड़ी जिसे किवाड़ बंद करके पीछे से आड़ी लगा देते है जिससे किवाड़ बाहर से न खुले । अरगल । अगरी । ब्योंड़ा ।

२. किवाड़ ।

३. अवरोध ।

४. कल्लोल । लहर ।

५. वे रंगबिरंगे बादल जो सुर्योदय या सुर्यास्त के संमय पूर्व या पश्चिम दिशा में दिखाई पड़ते है और जिनमें होकर सूर्य का उदय या अस्त होता है ।

६. मांस ।

७. एक नरक [को॰] ।