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अर्घ्य

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अर्घ्य ^१ वि॰ [सं॰]

१. पूजनीय ।

२. बहुमूल्य ।

३. पुजा में देने योग्य (जल, फूल, मूल आदि) ।

४. भेंट देने योग्य ।

अर्घ्य ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] जिस वन में जरत्कारु मुनि व्रत करते थे वहाँ का मधु ।