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अलोल

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अलोल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १४ मात्राओं का एक छंद जिसके चार चरण होते हैं [को॰] ।

अलोल ^२ वि॰ [सं॰]

१. जो चंचल न हो । स्थिर । टिका हुआ । उ॰—नना री करे अलोल, धरे री पानी कपोल, भुव नख लिखै तिलहू न कछु भटकी री ।—सूर॰, १० ।२७९७ ।

२. जो लोभी न हो । अनिच्छृक [को॰] ।