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अवरोह

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अवरोह संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. उतार । गिराव । अधःपतन ।२ अवनति । अवसर्पण । विवर्त्त ।

३. एक अलंकार जो वर्धमान अलंकार का उलटा है । इसमें किसी वस्तु के रूप तथा गुण का क्रमशः अधःपतनः दीखाया जाता है; जैसे— सिंघू सर पल्लव पुष्करणिय । कुंड़ वापिका कूप जु वरणिय । चुलुक रुप भौ जिन्ह कर भीतर । पान करत जय जय वह मुनिवर ।

४. बररीह ।

५. संगीत में स्वरों का उतार [को॰] ।

६. आरोहण । चढ़ाव (को॰) ।

७. वृक्ष से लता का लिपटते हुए चढ़ाना या घेर लेना [को॰] ।

८. स्वर्ग [को॰] । यौ॰ —अवरोहशाख, अबरोहशाखी, अवरोहशायी वट = वृक्ष ।