अवरोह
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अवरोह संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. उतार । गिराव । अधःपतन ।२ अवनति । अवसर्पण । विवर्त्त ।
३. एक अलंकार जो वर्धमान अलंकार का उलटा है । इसमें किसी वस्तु के रूप तथा गुण का क्रमशः अधःपतनः दीखाया जाता है; जैसे— सिंघू सर पल्लव पुष्करणिय । कुंड़ वापिका कूप जु वरणिय । चुलुक रुप भौ जिन्ह कर भीतर । पान करत जय जय वह मुनिवर ।
४. बररीह ।
५. संगीत में स्वरों का उतार [को॰] ।
६. आरोहण । चढ़ाव (को॰) ।
७. वृक्ष से लता का लिपटते हुए चढ़ाना या घेर लेना [को॰] ।
८. स्वर्ग [को॰] । यौ॰ —अवरोहशाख, अबरोहशाखी, अवरोहशायी वट = वृक्ष ।