अव्रण
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अव्रण ^१ वि॰ [सं॰] जो क्षत न हो । बिना घाव का । जो घाव से खराब न हुआ हो [को॰]
अव्रण ^२ संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अव्रणशुक्र' [को॰] ।
अव्रण ^१ वि॰ [सं॰] जो क्षत न हो । बिना घाव का । जो घाव से खराब न हुआ हो [को॰]
अव्रण ^२ संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अव्रणशुक्र' [को॰] ।