अशोकवनिकान्याय

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अशोकवनिकान्याय संज्ञा पुं॰ [सं॰] किसी कार्य को करने का कारण न बताया जानेवाला व्यवहार, जैसे—रावण ने सीता जी को अशोक के ही निचे रहने का क्यों आदेश आदेश दिया? इसका कारण नहीं बताया गया [को॰] ।