अष्टमंगल

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

अष्टमंगल संज्ञा पुं॰ [सं॰ अष्टमङ्गल]

१. आठ मंगलद्रव् या पदार्थ—सिंह, वृष, नाग, कलश, पंखा, वैजयंती, भेरी और दीपक । किसी किसी के मत से—ब्रह्माण, गो, अग्नि, सुवर्ण, घी, सूर्य, जल और राजा हैं ।

२. एक घृत जो वच, कुट, ब्राह्मी, सरसों, पीपल, सारिवा, सेंधा नमक और इन आठ औषघियौ से बनाया जाता है ।