असल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]असल ^१ वि॰ [अ॰ अस्ल]
१. सच्चा । खरा ।
२. उच्चा । श्रेष्ठ ।
३. बिन मिलावट का । शुद्ध । खलिस ।
असल ^२ संज्ञा पुं॰
१. जड़ । मूल । बुनियाद । तत्व ।
२. मूलधन । उ॰— साँचो सो लिखवार कहावै । काया ग्राम मसाहत करि कै जमा बाँधि ठहरावै..........करि अवारजा प्रेम प्रीति को असल तहाँ खतियावै ।— सूर॰ (शब्द॰) ।
असल ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] शहद । मधु [को॰] ।
असल ^४ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का लंबा झाड़ जो मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दक्षिणभारत और राजपूताने (राजस्थान ) में पाया जाता है । विशेष— इसकी पत्तियाँ तीन चार इंच लंबी होती हैं और ड़ालियाँ नीचे की और झुकी होती हैं । इसकी छाल से चमड़ा सिझ़या जाता है और बीज, छल तथा पत्तियों का औषध में व्यवहार होती हैं । अकाल पड़ने पर इसकी पत्तियाँ खाई भी जाती हैं । इसकी टहनियों की दातून बहुत अच्छी होती है । जब जाड़े के दिनें में यह फूलता है तब बहुत सुंदर जान पड़ता हैं ।
असल ^५ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. लोहा नामक धातु ।
२. शस्त्र छोड़ने से पूर्व उसे अभिमंत्रित करने का एक मंत्र ।
३. शस्त्र [को॰] ।