अस्पृश्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

अस्पृश्य वि॰ [सं॰] जो छूने योग्य न हो । उ॰—गिर जाय कुछ गंगांबु भी अस्पृश्य नाली में कभी, तो फिर उसे अपवित्र ही बतलायँगे निश्चय सभई ।-भारत, पृ॰ १२३ ।२—नीच जाति का । अंत्यज ।