अहरन

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

अहरन संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ आ+ धरण= रखना] निहाई । उ॰— कबिरा केवल राम की तू मति छडै ओट । धन अहरन बिच लोह ज्यों घनी सहैं सिर चोट । —कबीर (शब्द॰) ।