आकर्षीणी संज्ञा पुं॰ [सं॰ ] १. एक लग्गी जिससे फल फुल तोड़ते हैं । अँकुसी । लकसी ।२. प्राचीन काल का एक सिक्का ।३. शरीर परधारण की जानेवीली विशेष प्रकार की मुद्रा या चिहन (को॰) ।