आघी † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अर्घ, प्रा॰ अग्घ= मुल्य] १. रुपये का वह लेन देन जिसमें उधार लेनेवाला महाजन को आनेवाली फसल की उपज में से फ्री रुपए दर से अन्न आदि ब्याज के